Wednesday, 14 March 2018

कसार देवी मंदिर का इतिहास एवम् मान्यताये ! (HISTORY AND BELIEFS OF KASAR DEVI TEMPLE , ALMORA)

कसार देवी मंदिर का इतिहास !
HISTORY OF KASAAR DEVI TEMPLE.

शक्ति के आलोकिक रूप का प्रत्यक्ष दर्शन उत्तराखंड देवभूमि में होता है |उत्तराखंड राज्य अल्मोड़ा जिले के निकट “कसार देवी” एक गाँव है | जो अल्मोड़ा क्षेत्र से 8 km की दुरी पर काषय (कश्यप) पर्वत में स्थित है | यह स्थान “कसार देवी मंदिर” के कारण प्रसिद्ध है | यह मंदिर, दूसरी शताब्दी के समय का है । 

उत्तराखंड के अल्मोडा जिले में मौजूद माँ कसार देवी की शक्तियों का एहसास इस स्थान के कड़-कड़ में होता है | अल्मोड़ा बागेश्वर हाईवे पर“कसार” नामक गांव में स्थित ये मंदिर कश्यप पहाड़ी की चोटी पर एक गुफानुमा जगह पर बना हुआ है |कसार देवी मंदिर में माँ दुर्गा साक्षात प्रकट हुयी थी | मंदिर में माँ दुर्गा के आठ रूपों में से एक रूप “देवी कात्यायनी”की पूजा की जाती है |

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इस स्थान में ढाई हज़ार साल पहले “माँ दुर्गा” ने शुम्भ-निशुम्भ नाम के दो राक्षसों का वध करने के लिए “देवी कात्यायनी” का रूप धारण किया था | 
माँ दुर्गा ने देवी कात्यायनी का रूप धारण करके राक्षसों का संहार किया था | तब से यह स्थान विशेष माना जाता है | स्थानीय लोगों की माने तो दूसरी शताब्दी में बना यह मंदिर 1970 से 1980 की शुरुआत तक डच संन्यासियों का घर हुआ करता था। यह मंदिर हवाबाघ की सुरम्य घाटी में स्थित है ।
कहते है कि स्वामी विवेकानंद 1890 में ध्यान के लिए कुछ महीनो के लिए इस स्थान में आये थे | अल्मोड़ा से करीब 22 km दूर काकडीघाट में उन्हें विशेष ज्ञान की अनुभूति हुई थी | इसी तरह बोद्ध गुरु “लामा अन्ग्रिका गोविंदा” ने गुफा में रहकर विशेष साधना करी थी |

BELIEFS OF KASAR DEVI TEMPLE ,

आस्था , श्रधा , विश्वास और मंदिर आदि का बहुत ही गहरा सम्बन्ध है | क्यूंकि यदि व्यक्ति के मन में आस्था , श्रधा न हो तो मंदिर में रखी गयी मूर्ति भी उसके लिए पत्थर के समान लगती है |
मंदिर में जाने से कोई भी व्यक्ति कभी भी खाली हाथ नहीं लौटता है |
कसार देवी मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहाँ आने वाले भक्तो की हर मनोकामना अतिशीघ्र पूर्ण हो जाती है | 

कसार देवी मंदिर “चुम्बकीय”

यह जगह अद्वितीय और चुंबकीय शक्ति का केंद्र भी है। नासा के वैज्ञानिक चुम्बकीय रूप से इस जगह के चार्ज होने के कारण और प्रभावों पर जांच कर रहे है | डॉक्टर अजय भट्ट का कहना है कि यह पूरा क्षेत्र “वैन ऐलन बेल्ट” है | इस जगह में धरती के अन्दर विशाल चुम्बकीय पिंड है | इस पिंड में विद्युतीय चार्ज कणों की परत होती है | जिसे रेडिएशन भी कहते है |
यह वह पवित्र स्थान है , जहां भारत का प्रत्येक सच्चा धर्मालु व्यक्ति अपने जीवन का अंतिम काल बिताने को इच्छुक रहता है। अनूठी मानसिक शांति मिलने के कारण यहां देश-विदेश से कई पर्यटक
आते हैं ।

1 comment:

  1. That is very nice detail of history and beliefs of-kasar devi temple.

    You can also refer Astrolika.com for detail of this temple.

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